THE SINGLE BEST STRATEGY TO USE FOR BHOOT KI KAHANI

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Bhoot ki kahani

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Science ye manta hai ki insan ke Marne ke baad uske sarir se unbalanced destructive Power create hoti hai aur Admi ka ka sarir 21 gram weightloss kar deta hai par ye kehena ki Vo vapis badla lene aaege galat hai

अपनी आंखें मली। उसे फिर भी वह आदमी धुंधला ही दिखाई दे रहा था। रमेश ने उस आदमी को बुलाने की कोशिश की तो वह भागने लगा। रमेश भी उसके पीछे भागने लगा और वह आदमी अचानक से पटरी की तरफ भागने लगा और गायब हो गया।

फिर मैं उसका पता पढ़ कर उसके पते के अनुसार मैं उसके घर मिलने के लिए गया। दरवाजा खोलते ही एक आदमी आया और बोला कि क्या काम है तो मैंने बोला कि मुझे प्रीति से मिलना है।

प्रसाद ने रमेश उसकी घबराहट की वजह पूछी तो रमेश संत खड़ा था। अरे रमेश, क्या हुआ? इतना घबराए हुए क्यों हो? प्रसाद ने उसे बताया कि आज उसे आने में देरी हो गई, क्योंकि उसकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई थी। यह बात सुनकर रमेश को धक्का लगा। वह भागता हुआ रूम में गया। उसने देखा कि प्रसाद डेस्क पर बैठा हुआ था और अपना काम कर रहा था। उसने कमरे से बाहर जाकर देखा तो वहां कोई भी नहीं था।

आज भी पमिनाबहन के वंशज-परिवार जन उस मकान में शांति से रह रहे हैं, और इस घटना के उपचार के बाद आगे कभी उस घर में कोई असामान्य घटना नहीं हुई है।

आदमी बस ठंड से कांप जा रहा था। उसने उसे अपने बैग से एक शॉल निकालकर दे दिया। आदमी जैसे ही रमेश की तरफ बढ़ा। रमेश डर गया।

मुंह के छालों से छुटकारा पाने के आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय

गौरब एक पंडित को लेकर उस घर में जाता है और पूजा पाठ करवाता है। इससे उस आत्मा को उस घर से मुक्ति मिल जाती है और वह गौरब का धन्यवाद करती है। गांब वाले सभी गौरब के इस कारनामे से प्रसन्न होते है और उसे इनाम देते है।

उसने वह शॉल उठाया और सुबह घर लौट गया। वह इस हादसे को एक बुरे सपने की तरह भूल गया था। इतनी सुनसान जगह और इतनी गहरी रात। बुरा सपना ही होगा। रमेश तो इस वीराने में अपना मानसिक संतुलन खो दे। उसने सोचा कि उसे नींद आ रही थी और उसने नींद में सपना देखा। अगली रात वह फिर से ड्यूटी दे रहा था।

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क्योंकि उनको जोर से नींद आ रही थी । और वह थोड़े नींद में भी थे । यहां तक कि कोई ने मेरी बातों पर ध्यान ही नहीं दिया । तो मेने सोचा कि आज रात मैं मम्मी पापा के साथ ही सो जाता हूं ।

नगर में पमिनाबहन के अनुभव की बात फैलने पर नगर के किसी अनुभवी व्यक्ति के द्वारा यह पता चला कि जिस मकान में पमिनाबहन का परिवार रहता है, उस जगह के पुराने मालिक के पास से, उसके सगे संबंधियों ने वह मकान हड़प लिया था। और मरते वक्त भी मकान मालिक का जी उसी मकान में था, इसी कारण वह इन्सान अपने मकान में किसी भी व्यक्ति की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं कर पाता था।

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